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Showing posts from July, 2025

তুমি আমার স্পার্ক

তুমি আমার স্পার্ক কে বলে তুমি নেই — তুমি এখনও আমার ডিএনএ-র ডিজাইন কোডে জ্বলছো, চোখের রেটিনায় খোদাই করে রয়েছ। সব ডিসিশনের মুলে, অবচেতন মনে, ভাবনার শক্তিতে, হ্যাঁ, তুমি ওই মানুষ— যার হাতে সদর দরজার তালা খুলে যেত,  একটা নিছক বিকেল কে ভালোবাসায় মেখে রাখত তুমি ওই বিশ্রামহীন হাত, তুমি কাঁধে দায়িত্ববোঁধ, চোখে কিছু না-বলা, হিমালয় স্নেহ নিয়ে দাঁড়িয়ে থাকা দেয়াল। তুমি ওই বিশ্বাস — যে নিজের নতুন জামা ফেলে আমার ট্রফির পাশে দাঁড়িয়ে বলতো, “এটাই তো আমার প্রাইজ।” যে নিজের অবসরের মানে বুঝতো নতুন যুদ্ধ— সোনার দোকানের কাউন্টারে তুমি সোনা বেচতে না, তুমি বিশ্বাস আর স্বপ্ন বুনতে! তোমার ভালোবাসা ছিল না-বলা চা কাপের ভাঁজে, ঘুমহীন রাতের কান্না চেপে-রাখা চোখে, একটা ছায়া যার ছায়াও আমায় আগলে রাখে। তুমি ছিলে শক্তির ইঞ্জিন, বিশ্বাসের ব্যাটারি, ভয়ডরের বিপরীতে একটা বাবা। তোমার আদর্শ— Netflix-er সিরিজ না, জীবনের রাফ্টার, যেখানে আমি পা রাখি, আর পড়ি না। তুমি একটা রাগে নরম মানুষ, যার হঠাৎ রেগে যাওয়া মানে ছিল— "তুই সাবধান থাকিস, তুই ভালো থাকিস, তুই বাঁচিস!" তুমি সেই নিঃশব্দ শক্তি, যে বলে না, করে—...

हनुमान चालीसा

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि। बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि॥ जय हनुमान ज्ञान गुण सागर। जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥ रामदूत अतुलित बलधामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी॥ कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुंचित केसा॥ हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै॥ संकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग बंदन॥ विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा॥ भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज सँवारे॥ लाय सजीवन लखन जियाए। श्रीरघुबीर हरषि उर लाए॥ रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥ सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥ सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा॥ जम कुबेर दिकपाल जहाँ ते। कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥ तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा। राम मिलाय राजपद दीन्हा॥ तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना॥ जुग सहस्त्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥ प्रभु मुद्रिका मेलि म...

Soundarya Lahari

Soundarya Lahari  1. शिवः शक्त्यायुक्तो यदि भवति शक्तः प्रभवितुं न चेदेवं देवो न खलु कुशलः स्पन्दितुमपि। अतस्त्वामाराध्यां हरिहरविरिञ्चादिभिरपि प्रणन्तुं स्तोतुं वा कथमकृतपुण्यः प्रभवति॥ 2. तनुच्छायाभिस्ते तरुणतरिणीश्रीसरणिभिः दिवं सर्वामुर्वीं अरणयितुमम्बा विचिनते। नवीनं तन्मन्ये सपदमयनं तारणितनोर् निशायां पूर्वस्यां दिशि जपवती तव किरणैः॥ 3. अविद्यानामन्तस्तिमिरमिहिरद्वीपनगरी जडानां चेतन्यस्तबकमकरन्दस्रुतिझरी। दरिद्राणां चिन्तामणिगुणनिका जन्मजलधौ निमग्नानां दंष्ट्रा मुररिपुवराहस्य भवती॥ 4. त्वदन्यः पाणिभ्यां अभयवरदो दैवतगणः त्वमेका नैवासि प्रमाणमपि केषां प्रसदितौ। भयात् त्रातुं दातुं फलमपि च वाञ्छासमधिकं शरण्ये लोकानां तव हि चरणावेव निपुणौ॥ 5. हरिस्त्वामाराध्य प्रणतजनसौभाग्यजननीं पुरा नारी भूत्वा पुररिपुमपि क्षोभमनयत्। स्मरोऽपि त्वां नत्वा रतिनयनो लेखनयना विलोलः पञ्चाशद् वसति नयने ते पनिपये॥ 6. हेमः तनुः पाणिः हरिचरणरागेण तदितः प्रवक्तुं विष्णोः किमपि नवसंश्लेषरुचिरम्। परस्परं तत्त्वं व्रजति शिवशक्त्याः विपरितं बभूवुस्ते तत्त्वं न पुनरपि भिन्नं समजनि॥ 7. सुधासिन्धोर्मध्ये स...

The Inner Flame: Unveiling the Self through Adi Shankaracharya’s Verses

  🌟 The Inner Flame: Unveiling the Self through Adi Shankaracharya’s Verses (Atma Bodha 7–25) 🌟 Adi Shankaracharya’s Atma Bodha is more than a collection of Sanskrit verses—it is a philosophical lighthouse guiding the seeker through the fog of ignorance toward the luminous reality of the Self. Verses 7 to 25 of Atma Bodha form the core teachings about the nature of the Self (Atman), its distinction from the body and mind, and the path to liberation. Let us explore the profound significance of these verses in simple, contemplative English. 🔥 1. The Self—Like a Flame Untouched by Fuel or Water "Just as a lamp does not ignite with food or water, nor is it extinguished by them, So too, the Self is self-revealed—it cannot be taught by another." This opening analogy challenges our assumption that knowledge comes from external sources. The Self, Shankara says, is svayam-jñeya —it knows itself. Like a lamp that glows from within, the Self needs no external validation or ...